पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के सेंट्रल ज़ोन में मीटर रीडिंग के दौरान सरकारी सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ का बड़ा मामला सामने आया है। चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हांस ने फर्जी बिलिंग और तकनीकी सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ में शामिल करीब 40 मीटर रीडरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए उनकी सरकारी ID ब्लॉक कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, कार्रवाई से बचने के लिए कुछ मीटर रीडरों ने विभागीय उच्च अधिकारियों तक पहुँचकर राजनीतिक सिफारिशें लगाने की कोशिश भी की, लेकिन विभाग ने किसी भी दबाव में न आने का फैसला किया है।
चीफ इंजीनियर ने सुंदर नगर, CMC डिवीजन, सिटी सेंटर, फोकल प्वाइंट, अग्र नगर, स्टेट डिवीजन, मॉडल टाउन, जनता नगर, सिटी वेस्ट के अलावा खन्ना, दोराहा, सरहिंद, अमलोह, अहमदगढ़, ललतों, जगराओं, रायकोट, मुल्लांपुर दाखा आदि क्षेत्रों के सभी एक्सियन को कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
कैसे किया जा रहा था फर्जीवाड़ा?
जांच में खुलासा हुआ है कि मीटर रीडरों ने अत्याधुनिक ORC स्कैनिंग ऐप का इस्तेमाल न कर
मैन्युअल और छेड़छाड़ किए गए सॉफ्टवेयर के जरिए कई उपभोक्ताओं को 0 रुपये के बिल जारी किए।
यह घोटाला पंजाब केसरी द्वारा उजागर किए जाने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था।
“नुकसान की भरपाई आरोपी कर्मचारियों से ही” — चीफ इंजीनियर
चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हांस ने साफ कहा है कि:
“किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकारी खजाने को हुए नुकसान की पाई-पाई की वसूली की जाएगी।”
विभाग अब मामले में विभागीय व कानूनी कार्रवाई दोनों शुरू करने जा रहा है, ताकि पावरकॉम के राजस्व को बचाया जा सके।









