लुधियाना। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पंजाब में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थी। लुधियाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रेनेड हमले की साजिश को नाकाम किया है और पाँच लोगों को गिरफ्तार कर दो हैंड ग्रेनेड व अन्य हथियार बरामद किए हैं।जांच में सामने आया कि ISI का हैंडलर जसवीर चौधरी उर्फ जस्सा पंजाब व अन्य राज्यों के गैंगस्टरों के जरिए नेटवर्क तैयार कर रहा था। उसने चार जेलों में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 100 से अधिक गुर्गों को एक मोबाइल नंबर भेजकर इसे बाहर बैठे उन लोगों तक पहुँचाने को कहा था, जो नशे के आदी हैं या पैसों की जरूरत में अपराध कर सकते हैं। इस तरह करीब 45 लोगों तक नंबर पहुँचा, जिनमें से 5 को लुधियाना में ग्रेनेड अटैक के लिए चुना गया। खास बात यह रही कि इन पाँचों के बीच कोई आपसी कनेक्शन नहीं था।—हमले के बाद असॉल्ट राइफलों की डिलीवरी होनी थी यदि मुख्य आरोपी शमशेर को समय रहते गिरफ्तार न किया जाता तो ग्रेनेड हमले के बाद सीमा पार से दो असॉल्ट राइफलें भी मंगवाई जानी थीं। शमशेर ने पूछताछ में बताया कि जस्सा ने उसे हमले की जिम्मेदारी दी थी और बदले में पैसा व नशा देने का आश्वासन दिया था।ग्रेनेड चलाने की ट्रेनिंग शमशेर ने यूट्यूब वीडियो देखकर ली थी और इसके लिंक भी जस्सा ही भेजता था। हालांकि हमले से एक दिन पहले शमशेर डर गया और पीछे हट गया। इसके बाद ISI ने यह जिम्मेदारी बिहार के भोजपुर जिले के निवासी हर्ष कुमार ओझा को सौंप दी। उस पर रंगदारी व आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं और वह ग्रेनेड चलाने में माहिर माना जाता है।—कैसे हुआ ग्रेनेड अटैक का प्लानजस्सा ने प्लान के अनुसार शमशेर को ग्रेनेड तय स्थान पर रखने को कहा था। वहाँ से हरियाणा के अजय कुमार ने उसे उठाकर हर्ष तक पहुँचाना था। शमशेर इससे पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ गया।इसके बाद पुलिस ने हर्ष को बिहार से और अजय को लुधियाना से गुप्त रूप से गिरफ्तार किया। फिर शमशेर से जस्सा को फोन करवाकर पुलिस ने ग्रेनेड लेने आए फाजिल्का के दीपू और गंगानगर के राम लाल को मुठभेड़ के बाद दबोच लिया।—लुधियाना क्यों बना टारगेट?पिछले 24 दिनों में जिले से 3 ग्रेनेड, 5 पिस्टल और 40 से अधिक गोलियां बरामद की जा चुकी हैं। पुलिस के अनुसार लुधियाना एक बड़ा औद्योगिक केंद्र है, जहाँ विभिन्न राज्यों से लोग रोजगार के लिए आते हैं। ISI जानती है कि यहां हमला होने पर दूसरे राज्यों के मजदूर भय के कारण पलायन करेंगे, जिससे उद्योगों पर गहरा असर पड़ेगा।इसी उद्देश्य से छठ पूजा के दौरान भी हमले की योजना बनाई गई थी, जिसे पुलिस ने विफल कर दिया था।—मुठभेड़ में घायल दो आरोपीमुठभेड़ में घायल आरोपी दीपू की हालत गंभीर बताई जा रही है और वह कोमा जैसी स्थिति में जा रहा है। जबकि दूसरा घायल आरोपी राम लाल खतरे से बाहर है।









